Neeraj Baghel
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http://Youtube.com/SatlokAshram 28-12-2018 01:30:21
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पवित्र कबीर सागर के अनुसार जब कलियुग 5505 वर्ष बीत जायेगा तब एक महापुरुष जगत का उद्धार करने के लिए आएगा।
देखिए Factful Debates YouTube चैनल पर..
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पवित्र पुस्तक 'जीने की राह' से जानिए कि कैसे इस लोक तथा परलोक दोनों में सुखी रहा जा सकता है।
Audio Book सुनने के लिए Download करें Official App 'SANT RAMPAL JI MAHARAJ'
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हिंदू धर्म के धर्म गुरुओं को है कितना सनातन धर्म का ज्ञान आज होगा पर्दाफाश
जानने के लिए देखिये सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी की जुबानी...
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गुरु बिन काहू न पाया ज्ञाना ज्यों थोथा भुस छिड़े मूढ़ किसाना।
गुरु बिन वेद पढ़े जो प्राणी, समझे ना सार रहे अज्ञानी।।
सरलार्थ तत्वदर्शी संत न मिलने के कारण उपासक जो धामिक कार्य करते हैं, वह शास्त्रं के विरुद्ध एक मनमाना अभ्यास है, जिससे उपासक को कोई लाभ नहीं।
वाणी:- गुरु भगता मम आतम सोई।
वाके हृदय रहूँ समोई।।
अड़सठ तीर्थ भ्रम भ्रम आवे।
सो फल गुरु के चरनों पावे।।
सरलार्थ:- परमात्मा ने स्वयं बताया है कि गुरु के भक्त मेरी आत्मा हैं, शेष काल के जाल में फँसकर काल की आत्मा हैं। जो मेरे कृपापात्र सन्त को गुरु बनाए हैं।
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क्योंकि तीर्थों पर जाने का निर्देश श्रीमद्भगवत गीता में नहीं है। इसलिए गुरु की महिमा अपार तथा लाभदायक है।
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, मै उसके हृदय में रहता हूँ अर्थात् मेरा आशीर्वाद सदा गुरु भक्त पर बना रहता है।
पुराणों में कहा है कि अड़सठ तीर्थों का भ्रमण करने से मोक्ष प्राप्त होता है। परमेश्वर ने कहा है कि वैसे तो तीर्थ भ्रमण से कोई लाभ नहीं होता, हानि होती है।
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Are Puranas not scriptures?
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परमात्मा
मनुष्य जीवन का मुख्य उद्देश्य है परमात्मा का पाना, और यदि परमात्मा प्राप्ति नहीं हुई तो फिर वैसे ही अपना जीवन नष्ट करना होता है।
- संत रामपाल जी महाराज