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Kanak Agarwal

@KanakAg04035055

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@काव्य_रस(@Kavya_Ras) 's Twitter Profile Photo

वह कभी फूल कभी ख़ार थमा देता है।
जीत जाऊं तो मुझे हार थमा देता है।

मैं जिसे वोट की ताक़त से बदल देता हूं
वह मुझे फिर वही सरकार थमा देता है ।

~ तहसीन मुनव्वर
Tehseen Munawer 🇮🇳

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Kavita250 Special
Topic
Embrace
Write a poem in one post (250 characters) on the above & post by 2.6.24 using hashtag
Top 2 poets get PB 's best seller collection
'Dialogues from my dwam' !

कविता हिंदी में भी लिखी जा सकती है।
(शीर्षक: आलिंगन)
Cc:
Abid Zaidi

Kavita250 Special Topic Embrace Write a poem in one post (250 characters) on the above & post by 2.6.24 using hashtag #Kavita250 Top 2 poets get @prerna_b 's best seller collection 'Dialogues from my dwam' ! कविता हिंदी में भी लिखी जा सकती है। (शीर्षक: आलिंगन) Cc: @AbidZaidi1
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Kanak Agarwal(@KanakAg04035055) 's Twitter Profile Photo

शाम के कटोरे में
फिर एक सिक्का डाला मैंने
सिक्का तेरी खनकती हंसी का
सहेज लेती है शाम उस हंसी को
और पहना देती है टिमटिम सितारों को
हर रोज इसी उम्मीद में
कि सितारों के पार तेरे उदास लबों पर
फिर वो हंसी खिलखिलाएगी
और यहाँ धरती पर मेरी सूनी आंखें
बरबस खुशी से बरस जाएंगी

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Kanak Agarwal(@KanakAg04035055) 's Twitter Profile Photo

दिल अब दिमाग़ की सुनने लगा है
संवेदनाओं में भी स्वार्थ मिलने लगा है...
~कनु

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Kanak Agarwal(@KanakAg04035055) 's Twitter Profile Photo

जुबां पे खामोशी का पहरा लगा
लबों को सिल लिया जिसने..

आंखों में बेबसी का दरिया
समेट लिया जिसने..

दुनिया की रिवायतों की खातिर
दिल पत्थर रख लिया जिसने..

कोई क्या समझेगा उस सागर की बेचैनी
खुद को नदियों के नाम कर दिया जिसने...!!

~कनु

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गूँज(@goonjabhivyakti) 's Twitter Profile Photo

सूरज की केतली से
सोंधी सी खुशबू महाकाई..

उठो चाय के शौकीनों
दिगन्त पे लाली छाई... !

~ कनक अग्रवाल
Kanak Agarwal

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@काव्य_रस(@Kavya_Ras) 's Twitter Profile Photo

मैने चाहा..
काश!
कहीं कोई मिल जाए
कहदूं जिससे सारी अनकही पीड़ा
बदले मे पाऊं मरहम से शब्द
दुखोंकी भारी पोटली के बदले
जो रख जाए
मेरी हथेली पर
खनखनाते चंद सिक्के
खुशी के
नए मोड़ पर
मिल गए बुद्ध
गाते गुनगुनाते हुए सुख का गीत
'अप्पो दीपो भव'

~गीता शर्मा
Dr Geeta Sharma

मैने चाहा.. काश! कहीं कोई मिल जाए कहदूं जिससे सारी अनकही पीड़ा बदले मे पाऊं मरहम से शब्द दुखोंकी भारी पोटली के बदले जो रख जाए मेरी हथेली पर खनखनाते चंद सिक्के खुशी के नए मोड़ पर मिल गए बुद्ध गाते गुनगुनाते हुए सुख का गीत 'अप्पो दीपो भव' ~गीता शर्मा @DrGeetaSharma1 #बुद्धपूर्णिमा
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Kanak Agarwal(@KanakAg04035055) 's Twitter Profile Photo

नफरत की हर चोट पर
प्रेम के फाहे रखता है..
नादान है दिल कितना
दुनिया की समझ कहाँ रखता है..

~कनु

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Kanak Agarwal(@KanakAg04035055) 's Twitter Profile Photo

सूरज की केतली से
सोंधी सी खुशबू महाकाई..

उठो चाय के शौकीनों
दिगन्त पे लाली छाई...

~कनु

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चल पंख पसार उड़ चलें वहाँ तक
सूरज भी थक कर सोता जहाँ पर
सूरज की गोदी का पलना बनाएंगे
बादल को अपने सिरहाने लगाएंगे
तू लोरी गाना मैं थपकी लगाऊंगी
तारों की पलकों पे फिर ख्वाब सजाएंगे
हम तुम थे जो दुनिया के बंधन में
दुनिया से दूर इक नई दुनिया बसाएंगे... ❣️🥰

~कनु

चल पंख पसार उड़ चलें वहाँ तक सूरज भी थक कर सोता जहाँ पर सूरज की गोदी का पलना बनाएंगे बादल को अपने सिरहाने लगाएंगे तू लोरी गाना मैं थपकी लगाऊंगी तारों की पलकों पे फिर ख्वाब सजाएंगे हम तुम थे जो दुनिया के बंधन में दुनिया से दूर इक नई दुनिया बसाएंगे... ❣️🥰 ~कनु
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Kanak Agarwal(@KanakAg04035055) 's Twitter Profile Photo

दर्द दिल का तुम सह तो सकोगे
ये बताओ तुम जी तो सकोगे...

भरी महफ़िल में तन्हा रहते हो
तन्हाई में महफ़िल सजा तो सकोगे...

आंखों से समंदर बहाते रहते हो
इक कतरा पलकों पे संजो तो सकोगे...

इश्क़ तुमसे है बहुत कहते हो
रूह से मेरी इश्क़ निभा तो सकोगे...

~कनु

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suneeta mehan(@suneetamehan) 's Twitter Profile Photo

उसकी आँखों के तारे से
एक पगडंडी निकलती है
वो लहराती सर्पिणी-सी
जाने किस ओर जाती है

एक नदिया भी बहती है
बल खाती बिछलती-सी
कोई नौका नहीं उसमें
इस से उस पार जाने को

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@काव्य_रस(@Kavya_Ras) 's Twitter Profile Photo

कुछ ख्वाब जुदा होकर तुझसे
तन्हाई में अक्सर रोते हैं...!

शब्दों में कह ना सकी जिनको
अश्कों में अक्सर बहते हैं...!!

~ कनक अग्रवाल
Kanak Agarwal

कुछ ख्वाब जुदा होकर तुझसे तन्हाई में अक्सर रोते हैं...! शब्दों में कह ना सकी जिनको अश्कों में अक्सर बहते हैं...!! ~ कनक अग्रवाल @KanakAg04035055
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Neelam(@NeelamWrites) 's Twitter Profile Photo

ऐसे हमसे आज कुछ...तन्हाईयाँ बिछड़ गईं
यूँ लगा कि जिस्म से...परछाईयाँ बिछड़ गईं

हम बहारों में खड़े...ये देखते ही रह गए
जाने कब आई खिज़ां...पुरवाईयाँ बिछड़ गईं

ढूँढते हैं हाथ शायद...कुछ माज़ी की राख़ में
भूली बिसरी यादों की...निशानियाँ बिछड़ गईं

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Kanak Agarwal(@KanakAg04035055) 's Twitter Profile Photo

हमने जिसको देखा परेशां देखा
भीड़ में भी उनको तन्हा देखा..

सजा ली हमने महफ़िल फिर तन्हाई में
तन्हा सफ़र हमने मुकम्मल देखा..!!

~कनु

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Kanak Agarwal(@KanakAg04035055) 's Twitter Profile Photo

छोटी कविता फ़ासला हो दरमियाँ तब भी राब्ता रखना
हाथ छूटे कभी तो फिर नहीं मिला करते..

~कनु

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Neelam(@NeelamWrites) 's Twitter Profile Photo

प्रेम के आख़िरी पड़ाव पर
चलता है...
प्रेम की गहराई का पता...
जब जड़ें...
धरा के भीतर
फैल गई होती हैं...
और हम...
वृक्ष काट रहे होते हैं...
पर आँखों से टूटती
बूँद-बूँद बूंद ओस
उसे सींचना नहीं भूलती...

हर टूटने वाली चीज़...शोर नहीं करती...!!

प्रेम के आख़िरी पड़ाव पर चलता है... प्रेम की गहराई का पता... जब जड़ें... धरा के भीतर फैल गई होती हैं... और हम... वृक्ष काट रहे होते हैं... पर आँखों से टूटती बूँद-बूँद बूंद ओस उसे सींचना नहीं भूलती... हर टूटने वाली चीज़...शोर नहीं करती...!! #नीलम
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